
श्री देवेश सेन
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श्री देवेश सेन
अध्यक्ष छात्र प्रकोष्ठ, उत्तराखंड क्रांति दल
श्री देवेश सेन एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जो उत्तराखंड के विकास और जनकल्याण के लिए समर्पित हैं। उनका जन्म 4 जून 1985 को हुआ। उनके पिता, स्वर्गीय आर. आर. आर्य, और माता, स्वर्गीय शोभा देवी ने उन्हें उच्च मूल्यों और आदर्शों के साथ पाला।
शिक्षा
देवेश सेन की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, ग्वालदम में हुई। इसके बाद उन्होंने भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, नैनीताल में अध्ययन किया। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने शोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता
देवेश सेन वर्तमान में हल्द्वानी में निवास करते हैं और उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के एक समर्पित प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं। समाज सेवा और राजनीति में उनकी गहरी रुचि है, और वे हमेशा जनहित के मुद्दों को उठाने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
उन्होंने 20 अप्रैल 2019 को उत्तराखंड क्रांति दल की सदस्यता ग्रहण की और 6 जुलाई 2020 को जिलाउपाध्यक्ष, नैनीताल के पद पर नियुक्त हुए। इसके बाद 5 फरवरी 2022 को वे उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन (USF) के कुमाऊं मंडल संयोजक बने। उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, वर्तमान में वे उत्तराखंड स्टूडेंट्स फेडरेशन (USF) के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
आंदोलन और जनसंघर्ष
देवेश सेन उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण जनआंदोलनों और पदयात्राओं का हिस्सा रहे हैं। वे हमेशा जनहित के मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं और उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उन्नति के लिए कार्य करते हैं।
उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदयात्राओं और आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें शामिल हैं:
9 अगस्त 2022 को हल्द्वानी से हेलन तक की पदयात्रा।
हल्द्वानी से नैनीताल तक पहाड़ी एकता रैली पदयात्रा।
गुरुकुल नारसन से नीति मल्हारी तक की पदयात्रा।
इसके अलावा, वे उत्तराखंड क्रांति दल के हर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और राज्य के मूल निवास, भू-कानून, बेरोजगारी, पलायन, महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर संघर्षरत हैं।
संकल्प और उद्देश्य
देवेश सेन का उद्देश्य उत्तराखंड में सकारात्मक परिवर्तन लाना और समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना है। वे उत्तराखंड के लोगों की आवाज़ को बुलंद करने और राज्य के विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उनके नेतृत्व में समाज के हितों को सर्वोपरि रखते हुए उत्तराखंड को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का संकल्प है।
उनकी सोच स्पष्ट है—एक सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखंड, जहाँ लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और अपनी पहचान को बचाने के लिए संगठित हों।